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Mumbai, Maharastra, India
I have lost myself so until I find him within me there is nothing about me that can be written.

Sunday, June 27

     तनु

तुमसे तृप्त होकर
सदा लिप्त होकर
मिला मुझे आत्मज्ञान,
भूल गया मै अपनी पहचान |

मै कौन, कौन हू मै
हु गिरिधर या हू संजय,
हु कायर या हू निर्भय,
जीता हु, या हो चुकी है शय,
मै कौन, कौन हू मै ?

हु भाग्यविधाता या भाग्यहीन कवी,
हु अनजान या हू सर्वत्र, रवि,
माओवादी हू या नक्सली,
स्वतंत्रता सेनानी हु या हू बस बाहुबली,
मै कौन, कौन हु मै ?
जिंदा हु या मृत,
जला हु या हू मटमादित,
ईशा हु या मसि(२)-हा हू मै वनवाशी,

मै हू,एक अनजान नाम,
एक कविता का शिर्षक,
एक कवी जिसके बेमाने से काम|