तनु
तुमसे तृप्त होकर
सदा लिप्त होकर
मिला मुझे आत्मज्ञान,
भूल गया मै अपनी पहचान |
मै कौन, कौन हू मै
हु गिरिधर या हू संजय,
हु कायर या हू निर्भय,
जीता हु, या हो चुकी है शय,
मै कौन, कौन हू मै ?
हु भाग्यविधाता या भाग्यहीन कवी,
हु अनजान या हू सर्वत्र, रवि,
माओवादी हू या नक्सली,
स्वतंत्रता सेनानी हु या हू बस बाहुबली,
मै कौन, कौन हु मै ?
जिंदा हु या मृत,
जला हु या हू मटमादित,
ईशा हु या मसि(२)-हा हू मै वनवाशी,
मै हू,एक अनजान नाम,
एक कविता का शिर्षक,
एक कवी जिसके बेमाने से काम|
Sunday, June 27
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