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Mumbai, Maharastra, India
I have lost myself so until I find him within me there is nothing about me that can be written.

Sunday, February 6

थोड़ी सी

छूट गए हैं दोस्त मेरे; थोड़े से
रूठ गया हू मै भी उनसे; थोडा सा 

थोड़े से दोस्ती टूट गई हैं ज़िन्दगी के जद्दोजहद में
और थोड़े दोस्त छूट गए हैं कटुवचनों से, जो डूबे थे सहद में

थोड़ी सी दोस्ती छूट गयी है स्टेशन के रास्ते की उन अटखलियों में
और थोड़ी छुटी कॉलेज के उन गलियों में

थोड़ी सी दोस्ती छूट गयी है मेरी नाकामी से,
और थोड़े दोस्त टूट गए हैं नए दोस्तों की हामी से

थोड़ी टूटी बनाने को नए जिस्मानी रिश्ते
और थोड़ी छुटी भरने को लोन की वो किश्ते

थोड़े से दोस्त छूट गए मेरे हट से
और थोड़ी दोस्ती टूटी एकाएक फट से

महंगाई से दौड़ में, बस दोस्ती लगे है हमें सस्ती
तोड़ दिया हमने बनाने को अपनी अलग एक हस्ती



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