हे माँ तेरी गोद में सर रखकर सोना चाहता हु मै,
ज़िन्दगी के ग़मों को तेरी ममता की छाव में खोना चाहता हु मै,
आज मत रोक तू माँ, जी भर रोना चाहता हु मैं|
ज़िन्दगी के ग़मों को तेरी ममता की छाव में खोना चाहता हु मै,
आज मत रोक तू माँ, जी भर रोना चाहता हु मैं|
क्या बचपन था वो,
जब हर ठोकर पर तू मुझे थी समहलती,
हर गलती पर तू , मुझे थी सवारती,
गुस्सा जाता था मै पर हर बार तू मुझे थी मनाती|
जब हर ठोकर पर तू मुझे थी समहलती,
हर गलती पर तू , मुझे थी सवारती,
गुस्सा जाता था मै पर हर बार तू मुझे थी मनाती|
क्या बचपन था वो जब हर राह,
तू मेरे साथ थी चलती|
बता ना माँ क्या हुई है मुझसे आज गलती,
जो तू नही है मेरे साथ,
किसका थामू मै आज हाथ|
घोर है अँधेरा, काली है रात,
किस ओर चालू मै,
किसकी सुनु मै आज बात ?
चुप क्यों है माँ तू बता ना कौन देगा मेरा साथ,
कौन सुनेगा मेरे दिल की बात|
हे माँ अब आजा तू तेरी गोद में सो जाता हु मै,
जिंदगी छोड़ तेरी ममता के छाव में खो जाता हु मै,
आज मत रोक माँ आखिरी बार आज सो जाता हु मै|
सुन आज आधी नींद से मत जगाना,
सपने में कही दूर है मुझे जाना,
आज तुझे ही तो हैं मुझे रास्ता पार करवाना|
आज तुझे हे तो है मुझे मृत्युदान देना...
आज तुझे हे तो है मुझे मृत्युदान देना...
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