आज फिर बारिश में कोई रो रहा होगा,
और कही इसी बारिश में कोई ठिठो रहा होगा|
कही दूर, इसी बारिश में किसी को इश्क भी हो रहा होगा|
बारिश तो एक है,
लोग निकालते मतलब अनेक है|
मै सोचता हु,
मेरी बर्बादी पे शायद जन्नत भी रो रहा होगा|
Sunday, August 30
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kaafi achchhi kavita hai mere bhai. par ye bata, teri barbadi kya hai?
ReplyDeleteit is a sarcastic n sadistic mood n view in life ....
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