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Mumbai, Maharastra, India
I have lost myself so until I find him within me there is nothing about me that can be written.

Wednesday, August 26

मृत्युदान



हे माँ तेरी गोद में सर रखकर सोना चाहता हु मै,
ज़िन्दगी के ग़मों को तेरी ममता की छामें खोना चाहता हु मै,
आज मत रोक तू माँ, जी भर रोना चाहता हु मैं|

क्या बचपन था वो,
जब हर ठोकर पर तू मुझे थी समहलती,
हर गलती पर तू , मुझे थी सवारती,
गुस्सा जाता था मै पर हर बार तू मुझे थी मनाती|

क्या बचपन था वो जब हर राह,
तू मेरे साथी चलती|

बता ना माँ क्या हुई है मुझसे आज गलती,
जो तू नही है मेरे साथ,
किसका थामू मै आज हाथ|
घोर है अँधेरा, काली है रात,
किस ओर चालू मै,
किसकी सुनु मै आज बात ?

चुप क्यों है माँ तू बता ना कौन देगा मेरा साथ,
कौन सुनेगा मेरे दिल की बात|

हे माँ अब आजा तू तेरी गोद में सो जाता हु मै,
जिंदगी छोड़ तेरी ममता के छामें खो जाता हु मै,
आज मत रोक माँ आखिरी बार आज सो जाता हु मै|

सुन आज आधी नींद से मत जगाना,
सपने में कही दूर है मुझे जाना,
आज तुझे ही तो हैं मुझे रास्ता पार करवाना|

आज तुझे हे तो है मुझे मृत्युदान देना...
आज तुझे हे तो है मुझे मृत्युदान देना...


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